चरणजीत सिंह चन्नी को पढ़ा कर मुख्यमंत्री बनाने वाले अध्यापक छठे तनख़्वाह कमीशन लागू करवाने को सड़कों पर उतरने के लिए हुए मज़बूर
कादियां 4 दिसंबर (ब्यूरो ): पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पढ़ाने वाले एडिड स्कूलों के अध्यापक स्वयं ही अपने विद्यार्थी रहे पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री चन्नी से बहुत निराश हो गए हैं। मुख्यमंत्री उन के लिए न तो छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू ही कर रहे हैं और ना ही उनकी यूनियन को मीटिंग का समय दे रहे हैं, जिस के कारण पंजाब राज्य सहायता प्राप्त अध्यापक और अन्य कर्मचारी यूनियन ने मुख्यमंत्री की ओर से उनकी कोई भी सुनवाई ना किये जाने के प्रति रोष व्यक्त करने के लिए संघर्ष प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसलिए यूनियन ने सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम दे दिया है। वर्णनीय है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिस स्कूल से पढ़े हैं, उस स्कूल के अध्यापक स्वयं ही अपने शागिर्द से बहुत नाराज और निराश हैं। मुख्यमंत्री चन्नी स्वयं खरड़ के ख़ालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं, जोकि एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल है। मुख्यमंत्री ने इन एडिड स्कूलों पर पे कमीशन लागू तो क्या करना था, इन स्कूलों के अध्यापकों को इस सम्बंध में मिलने का समय तक नहीं दे रहे। इस सम्बंध में पंजाब स्टेट एडिड स्कूल टीचर्स एंड अन्य कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय संरक्षक गुरचरण सिंह चाहल, प्रांतीय अध्यक्ष एन एन सैनी की ओर से जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यदि मुख्यमंत्री द्वारा दो दिनों के भीतर मीटिंग का समय ना दिया गया तो एडिड स्कूलों के सभी अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर पे कमीशन लागू करवाने के लिए मुख्यमंत्री चन्नी के हल्के में जबरदस्त संघर्ष प्रारंभ करेंगे। यूनियन के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि पंजाब की सभी पिछली सरकारों ने एडिड स्कूलों के कर्मचारियों पर सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों की तरह ही पे कमीशन को लागू किया है। परन्तु यह बहुत हैरानी की बात है कि वर्तमान मुख्यमंत्री जो कि स्वयं भी इन्हीं एडिड स्कूलों में पढ़े हैं, ने अपने ही उस्तादों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया हुआ है। यूनियन के नेताओं ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर इस समस्या का हल ना निकाला और यूनियन नेताओं को मीटिंग का समय ना दिया गया तो मुख्यमंत्री को पढ़ाने वाले अध्यापकगण भी अपनी यूनियन के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के निवास स्थान के बाहर मरणव्रत पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस आंदोलन के सभी परिणामों की जिम्मेदारी राज्य सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री की स्वयं की होगी। यूनियन नेताओं ने यह भी कहा कि यदि मुख्यमंत्री चन्नी अपने अध्यापकों का सम्मान करते हैं तो वे सरकारी स्कूल कर्मचारियों की तरह ही एडिड स्कूल कर्मचारियों पर भी छठे पे कमीशन की सिफारिशों को तुरंत लागू करें। इस अवसर पर राज्य इकाई के महासचिव अश्वनी कुमार शर्मा, रणजीत सिंह आनंदपुर साहिब, हरदीप सिंह ढींडसा रोपड़, ज़िला प्रधान अमरजीत सिंह भुल्लर, दलजीत सिंह ख़ालसा खरड़, प्रिंसीपल गिल्ल, यादविंदर कुमार कुराली, शरणजीत सिंह, गुरमीत सिंह लुधियाना, रूपिंदर होशियारपुर, राजकुमार मिश्रा, अजय चौहान अमृतसर, रिपुदमन सिंह, अंग्रेज शर्मा, हरविंदर पाल, राजेश शर्मा, अनिल भारती पटियाला, कृष्ण कुमार फ़रीदकोट, परवीन कुमार बठिंडा, राजेन्दर शर्मा नवांशहर, अरविंद बैंस जालंधर, रुपिंद्रजीत सिंह ढिल्लों, श्रीकांत बठिंडा, सुशीलकुमार पठानकोट, परवीन कुमार मोगा, शम्मी खान मानसा, रविन्द्र पुरी अहमदगढ़, नाभा से अश्विनी मैदान, अनीता रानी, पूजा शर्मा और अन्य नेता भी उपस्थित थे।