इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहा जाता है। प्रतिरक्षा के बारे में सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक द्वितीय मेनिकिकोव और फ्रांसीसी सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर ने बताया था।
इम्यूनिटी के तीन मुख्य प्रकार होते हैं, जो किसी भी संक्रमण या बीमारी से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं. जैसे-
1. एक्टिव इम्यूनिटी
एक्टिव इम्यूनिटी तब मिलती है जब कोई बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट शरीर के अंदर घुसकर स्वस्थ सेल्स को नष्ट करने लगता है, तो हमें जन्म के साथ मिली एंटीबॉडीज व इम्यून सेल्स उस बाहरी तत्व को नष्ट करने लगती हैं. हो सकता है इस बार आपको संक्रमण या बीमारी से ठीक होने में कुछ समय लग जाए, लेकिन अगली बार जब आपका शरीर इसी संक्रमण के संपर्क में आएगा, तो शरीर की इम्यून सेल्स इम्यून मेमोरी की सहायता से तुरंत इस संक्रमण को नष्ट कर देंगी.
2. पैसिव इम्यूनिटी एंटीबॉडी युक्त रक्त चढ़ाना, जन्म के समय प्लासेंटा के द्वारा मां से शिशु को एंटीबॉडीज मिलना आदि. पैसिव इम्यूनिटी कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक बनी रह सकती है. लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि शरीर में पैसिव इम्यूनिटी के सहारे एंटीबॉडीज दाखिल होते ही सुरक्षा देना शुरू कर देती हैं.
3. हर्ड इम्यूनिटी
जब किसी संक्रमण के कारण किसी समूह, राज्य या देश की अधिकतर जनता (70-80 प्रतिशत) संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुकी होती है, तो उसे हर्ड इम्यूनिटी कहा जाता है. चूंकि, वायरस को फैलने के लिए कैरियर (स्वस्थ व्यक्ति) कम या ना के बराबर मिलते हैं, तो बचे हुए 20 से 30 प्रतिशत स्वस्थ लोगों के संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है.
यदि आपकी इम्युनिटी अच्छी है तो आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ सकते
प्रतिरक्षा दो प्रकार की होती है- इनेट और एडेटिव इम्युनिटी
इनेट इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है परन्तु यह दीर्घकालिक नहीं होती।
एडेटिव इम्युनिटी: यह व्यक्ति को रोगों के प्रति सुरक्षा देती है साथ ही यह विशिष्ट रोगजनकों के खिलाफ दीर्घकालिक सुरक्षा भी देती है।
कुछ लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा बीमार होते मतलब यह है कि इम्युनिटी कम होती।इसके कम होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए हैं-
1)तनाव
2)व्यायाम न करना:
3)सही नींद न लेना:
4)अनुचित पोषण: 5) कम डाइट 6)व्यायाम की कमी 7)फैटी जंक फूड्स को खाने से बचें
इम्युनिटी बढ़ने के उपाय
6)विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें
7)अतिरिक्त दवा खाने से बचें:
8)कॉफी की जगह ग्रीन टी पियें:
9)धूम्रपान और शराब पीने से बचें:
10)विषाक्त खाद्य पदार्थों को न खायें: 11)रिफाइंड शुगर को न खायें:
12)स्वच्छता बनाए रखें: 13)इन्फेक्शन दूषित सतहों को छूने से बचें14)नाखूनों को काट कर रखें
15)पर्याप्त नींद
16)दिल खोल कर हँसे:
प्रतिरक्षा बूस्टिंग फूड्स का उपभोग करें: अपनी समग्र प्रतिरक्षा में सुधार के लिए तरबूज, गेहूं, दही, पालक, मीठे आलू, ब्रोकोली, लहसुन, अदरक, अनार का रस इत्यादि जैसे प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें। तरबूज में एंटीऑक्सिडेंट होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। प्रतिरक्षा में वृद्धि के लिए गेहूं की जर्म भी खपत की जा सकती है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स, बी विटामिन और जस्ता का एक बड़ा स्रोत है। गेहूं की जर्म में प्रोटीन, फाइबर औ र कुछ स्वस्थ वसा
सौजन्य से डॉ अर्चिता महाजन ट्रेंड योगा टीचर डाइटिशियन और न्यूट्रिशन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट 9463819002