पठानकोट 17 दिसंबर (ब्यूरो) : केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के प्रयासों का विरोध करने के लिए लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को जिले में स्थित 12 सरकारी बैंकों की 89 शाखओं में बैक स्टाफ द्वारा कामकाज को ठप रखा गया। ढांगू रोड स्थित एसबीआइ की मुख्य ब्रांच के बाहर बैंक स्टाफ द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और धरना दिया गया। बैंक अधिकारियों की मानें तो बीते दो दिन बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहने के चलते जिले में करीब 10 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। एसबीआइ स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव गौरव कपूर ने बताया कि सरकार यदि सरकारी बैंकों का निजीकरण करेगी तो इससे न केवल बैंक कर्मचारियों बल्कि लोगों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके चलते ही बैंक स्टाफ एसोसिएशन द्वारा अपने दो दिन का वेतन कट जाने के बावजूद जिले में 12 सरकारी बैंकों की 89 शाखाओं में कामकाज को पूरी तरह बंद रखा गया।बता दें कि चेक क्लियरिग व कैश ट्रांजैक्शन मिलाकर बीते दो दिन में करीब दस करोड़ रुपये का कारोबार ठप रहा है। इससे व्यापारी वर्ग भी दो दिन खासी दिक्कतें पेश आई। शुक्रवार को धुंध व कड़ाके की ठंड में कैश जमा कराने अथवा अन्य कामों से बैंकों पहुंचे लोगों को बैंक बंद होने के चलते निराश लौटना पड़ा। वहीं, लोगों को हो रहीं दिक्कतों के संबंध में पूछे जाने पर पंजाब नेशनल बैंक के स्टाफ सदस्य सुरेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। उनका कहना था कि यदि सरकार बैंकों का निजीकरण करने के फैसले पर अड़ी रही तो ऐसे में एसोसिएशन की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जो भी फैसला लिया गया उसका पूरा समर्थन किया जाएगा और बैंकों के निजीकरण का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
व्यापारियों का 50 करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित
व्यापार मंडल पठानकोट के प्रधान अमित नैय्यर ने बताया कि आनलाइन व्यवस्था का विकल्प होने के बावजूद बैंकों की दो दिन की हड़ताल के कारण व्यापारियों का करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। उनका कहना था कि व्यापारियों का अधिकतर लेन-देन चेकों के जरिये होता है। इसके चलते ही बैंकों की हड़ताल से कारोबार बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है।