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मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए डा.हरतरनपाल सिंह मुख्य कृषि अधिकारी के….

मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए डा.हरतरनपाल सिंह मुख्य कृषि अधिकारी के कुशल नेतृत्व में एक नया इतिहास रचा

पठानकोट 12 दिसंबर (ब्यूरो) : मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए डा. हरतरनपाल सिंह मुख्य कृषि अधिकारी पठानकोट के कुशल नेतृत्व में एक नया इतिहास रच दिया गया है। यह पूरे पंजाब के लिए एक नई घटना है कि अब पठानकोट जिले की फैक्ट्रियां गन्ने के कचरे से बिजली पैदा करेंगी। बता दें कि पंजाब में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आने वाले दिनों में पंजाब सरकार द्वारा नए कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों को गेहूं और धान के अवशेषों में आग न लगाने की चेतावनी दी जा रही है, ताकि बढ़ते वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। मुख्य कृषि अधिकारी पठानकोट हरतरनपाल सिंह ने कहा कि जिला पठानकोट में गन्ने की फसल के अवशेषों का उपयोग अब पायनियर के कारखानों के अंदर बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब इस कार्य में जिले में संचालित अग्रणी फैक्ट्री द्वारा गन्ने की फसल के अवशेष एकत्रित किए जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पहले कारखाने को जिला प्रशासन के आदेशानुसार हर साल इस उद्देश्य के लिए बाहरी जिलों से भूसा आयात करना पड़ता था। हरतरनपाल सिंह ने कारखाने के साथ मिलकर अपने प्रयास जारी रखे और उन्हें बताया गया कि पठानकोट जिले में गन्ने का अवशेष उनकी बिजली उत्पादन का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दावारू गन्ने के अवशेष पुआल की तुलना में बेहतर परिणाम दे रहे।पायनियर इंडस्ट्रीज के कारखाने द्वारा गहन जांच के बाद, यह पाया गया कि गन्ने के अवशेष कारखाने के अंदर बिजली पैदा करने के लिए पुआल की तुलना में बेहतर परिणाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि कारखाने को इस वर्ष के लिए लगभग 1 लाख 10 हजार टन अपशिष्ट अवशेष की आवश्यकता है और इस वर्ष लगभग 50 हजार टन गन्ने के अवशेष का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल प्रदूषण साफ होगा बल्कि किसानों को गन्ने के अवशेष रखने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी।इसके अलावा, भूमि आसानी से अन्य फसलों की खेती के लिए उपयुक्त हो जाएगी। प्रतिदिन आठ से दस एकड़ गन्ने का कचरा एकत्र किया जा रहा। मशीनरी की मदद से प्रतिदिन आठ से दस एकड़ गन्ने का कचरा एकत्र किया जाता है और अगले दिन इन गांठों को उठाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से किसानों को लाभ भी हो रहा है और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गन्ने की बर्बादी के प्रबंधन के लिए जिले में अभियान शुरू कर जल्द ही किसानों को जागरूक किया जाएगा।

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